भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 98
(वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजन के लिए बालक को बेचना)
जो कोई किसी बालक को इस आशय से कि ऐसा बालक किसी आयु में भी वेश्यावृत्ति या किसी व्यक्ति से आयुक्त संभोग करने के लिए या किसी विधिविरुद्ध और दुराचारिक प्रयोजन के लिए काम में लाया या उपयोग किया जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति, किसी आयु में भी ऐसे प्रयोजन के लिए काम में लाया जाएगा या उपयोग किया जाएगा, बेचेगा, भाड़े पर देगा या अन्यथा व्ययनित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
व्याख्या 1. - जब कि अट्ठारह वर्ष से कम आयु की महिला किसी वेश्या को या किसी अन्य ऐसे व्यक्ति को, जो वेश्यागृह चलाता हो या उसका प्रबन्ध करता हो, बेची जाए, भाड़े पर दी जाए या अन्यथा व्ययनित की जाए, तब इस प्रकार ऐसी महिला को व्ययनित करने वाले व्यक्ति के बारे में, जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि उसने उसको इस आशय से व्ययनित किया है कि वह वेश्यावृत्ति के लिए उपयोग में लाई जाएगी।
व्याख्या 2. - इस धारा के प्रयोजनों के लिए "उपयुक्त संभोग" से ऐसे व्यक्तियों में मैथुन अभिप्रेत है जो विवाह से संयुक्त नहीं हैं, या ऐसे किसी संयोग या बन्धन से संयुक्त नहीं हैं जो यद्यपि विवाह की कोटि में तो नहीं आता तथापि उस समुदाय की, जिसके वे हैं, या यदि वे भिन्न समुदायों के हैं तो ऐसे दोनों समुदायों की, स्वीय विधि या रूढ़ि द्वारा उनके बीच में विवाह-सदृश सम्बन्ध अभिज्ञात किया जाता हो।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 10 वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
(IPC) की धारा 372 को (BNS) की धारा 98 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |